Hindi Detective Novels

  • उपन्यास सम्राट
  • ओमप्रकाश शर्मा

"महान जासूसी लेखक ओमप्रकाश शर्मा की अपनी अलग पहचान थी – ज़नप्रिय लेखक! यह शत-प्रतिशत सही है कि ओमप्रकाश जन-जन का लेखक था। वह केवल भारतीय पाठकों का ही नहीं था बल्कि चीनी पाठक भी उसके बेशुमार थे। मैं जब मेरठ स्थित उसके घर गया तो देखा कि हज़ारों पाठकों के प्रेम, सम्मान, प्रश्न भरे पत्र उसके आस-पास बिखरे थे। इतनी ज़बरदस्त लोकप्रियता प्राप्त करने के बाद भी उसमें वही सादगी और सरलता थी।

मेरी मित्रता उससे बहुत पुरानी थी। जब ओमप्रकाश दिल्ली के पहाड़ी धीरज के एक मकान में किराए पर रहता था और दिल्ली क्लॉथ मिल में कामगार था। मैंने उससे पूछा था कि तुम्हें लेखन की प्रेरणा कैसे मिली? उसके पास भारी भरकम साहित्यिक उत्तर नहीं था। उसका संकेत आत्मप्रेरित-सा ही था। मुझे लगा कि तब भी उसकी संगत बुध्दिजीवियों से थी। जवाहर चौधरी उसका विशेष दोस्त था। चौधरीजी कुशल संपादक, श्रेष्ठ प्रकाशक और लेखक भी थे। चौधरी, चौधरी ज़रूर थे पर उनका रहन-सहन अभिजात वर्ग का था। बात के पक्के थे। उन्होंने एक बार कहा था। ओमप्रकाश केवल जासूसी लेखक ही नहीं है अपितु उसमें विलक्षण प्रतिभा है और वह अध्ययनशील व्यक्ति है। वह श्रेष्ठ ऐतिहासिक व सामाजिक लेखक भी हैं।"



- यादवेंद्र शर्मा चंद्र

जासूसी साहित्य के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमे ७० वर्ष पीछे जाना पड़ेगा, क्यूंकि आज का जासूसी साहित्य किसी न किसी रूप में पुराने तिलिस्मी उपन्यासों से जुड़ा है – जो लेखक विदेशी रोमांचक साहित्य के आधार पर भी लिखते हैं उनके पात्र भी पुराने एटयारों की तरह आलोकिक रूप से शक्तिशाली एवं बुद्धिमान होते हैं परन्तु वे अपने कथानक को कोई रूप नहीं दे पाते। इसके विपरीत श्री ओम प्रकाश शर्मा इन दोनों बातों से बचे हैं फिर भी पाठको को बांधे रखने की असाधारण क्षमता रखते हैं। "



- श्री डी.एन. कल्हन

"यदि इस कहावत को सही मान लिया जाए की “प्रतिभा कहीं मोल नहीं बिकती है” वरन “जन्मजात होती है” तो इस कहावत के उदाहरण के लिए मैं सर्वाधिक जनप्रिय तथा इस दशाब्दी के हिंदी उपन्यासकारों में अपना अप्रतिम, अक्षुण स्थान रखने वाले कलम तथा प्रतिभा दोनों के धनि उपन्यासकार आदरणीए ॐ प्रकाश शर्मा का नाम प्रस्तावित करूँगा।

संभव है, मेरी बात से बहुत लोग कतई अलग राय रखते हों। इसके लिए मुझे उन (तथाकथित) लोगों को न समझाना है न कुछ कहना है। प्रत्येक की अपनी दृष्टि होती है और उसी के अनुरूप उसका दृष्टिकोण। "



- रमेश्चन्द्र गुप्त ‘चंद्रेश’

"शर्मा के अलावा कोई और ऐसा लेखक नहीं जिसे सामान्य से कुछ ऊँचे स्तर के पाठक पढना चाहें। दुसरे लेखक तो केवल व्यावसायिक आवश्यकता की पूर्ती के लिए लिखते हैं।

इस क्षेत्र में संभवतया श्री ओम प्रकाश शर्मा ही एक मात्र लेखक हैं जो अंग्रेजी साहित्य के प्रभाव से मुक्त हैं। उनका हीरो सी आई बी का आदर्श एवं विवाहित जासूस है। उनकी लेखन शैली बहुत सुधड है इसलिए नक़ल करने वालों के लिए और कठिन है और उसकी नक़ल करना आसान नहीं है, यदयपि पिछले कुछ समय में कुछ लोगों ने इसका प्रयत्न किया है। इस दृष्टि से शर्मा जी वो लेखक हैं जिन्होंने काफी मेहनत व प्रयत्नों से जनप्रियता हासिल की है। "



- सुरेश कोहली